वैक्सीन नहीं लगवाने वाले पंजाबी नहीं आ पा रहे पंजाब, कर रहे हैं विरोध
सर्रे
अपनी मर्जी से कोविड वैक्सीन लगवाने से इंकार करने वाले इंडो कैनेडियनों को अब भारत आने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। कैनेडियन कानून के अनुसार ऐसे किसी भी व्यक्ति को एयर ट्रेवल या सीमा पार करने की अनुमति नहीं है जो कि कोविड वैक्सीन नहीं लगवा रहा है। इस नियम के विरोध में कई इंडो-कैनेडियन पंजाबियों ने कैनेडियन पीएम जस्टिन टरूडो के करीब और सर्रे से लिबरल एमपी रणदीप सेराय के ऑफिस पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सिख फ्रीडम एलायंस के बैनर तले एकत्र हुए थे और उन्होंने एमपी के ऑफिस पर पोस्टर भी चिपका दिए।
प्रदर्शनकारी कंवलजीत सिंह ने बताया कि इस मामले में रणदीप उन प्रमुख सांसदों में शामिल हैं जो कि इस नियम का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। रणदीप इस मामले में वैक्सीन लगवाने को लेकर आम लोगों की पसंद-नापसंद को नजरअंदाज कर रहे हैं। इस नियम के चलते कैनेडियन नागरिकों को अपनी आजादी से कहीं भी आने जाने के मूल अधिकार से वंचित किया जा रहा है। जब तक इस नियम को बदला नहीं जाता, तब तक हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
इस मामले में कैनेडा सरकार का कहना है कि दुनिया के अन्य देश भी वैक्सीनेशन नहीं करवाने वाले लोगों को अपने देशों में प्रवेश नहीं दे रहे हैं। ऐसे में इन लोगों को वहां से बैरंग ही आना पड़ेगा और कैनेडा की मुश्किलें बढ़ेंगी। ऐसे में वे इस नियम से छूट नहीं दे सकते हैं। उल्लेखनीय है कि एलायंस कैनेडा के चर्चित ट्रर्कर्स लॉकडाउन का भी समर्थक था, जिसके चलते पीएम ट्रूडो को अपना घर छोड़कर कई दिनों तक किसी अज्ञात जगह पर रहना पड़ा था।
30 मई को संसद में आया बिल भी गिरा दिया गया
इस मामले को लेकर 30 मई को ही प्रोग्रेसिव कंजर्वेटिव एमपी मेलिसा लैंट्समैन एक प्रस्ताव भी लेकर आई थी ताकि इस भेदभावपूर्ण ट्रैवल बैन को हटाया जा सके और अपनी मर्जी से वैक्सीन ना लगवाने वाले को कहीं भी आने जाने की छूट मिले। उन्होंने इस ट्रूडो सरकार का एक दमनकारी नियम करार दिया। इस प्रस्ताव को खारिज करवाने के लिए 200 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट दिया था, जिनमें सेराय प्रमुख तौर पर शामिल थे।