किसानों ने ठुकराई सरकार की खातिरदारी, अपने साथ लाया हुआ खाना जमीन पर बैठकर खाया।
ये किसान है साहब, ऐसे नही झुकेंगे। इन्हें आपके पकवान और स्वागत सत्कार से ज्यादा अपना जमीर पसन्द है।